भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से अचानक इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। हाल ही में उन्होंने यह संकेत दिया था कि वे अगस्त 2027 तक पद पर बने रहेंगे, लेकिन 21 जुलाई 2025 को उन्होंने इस्तीफा सौंप दिया और इसके पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया।

हालांकि, उनके इस्तीफे को लेकर कई राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं। आधिकारिक रूप से कोई विस्तृत कारण सामने नहीं आया है, लेकिन कुछ सूत्रों का दावा है कि यह फैसला एक संवेदनशील मुद्दे से जुड़ा हो सकता है।
बताया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति धनखड़ ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने की मांग वाले 63 विपक्षी सांसदों के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। यह निर्णय सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता था क्योंकि इस प्रस्ताव को द्विदलीय समर्थन के साथ लोकसभा से लाने की योजना थी।
जब धनखड़ ने यह नोटिस स्वीकार किया, तब तक सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दोनों ही लोकसभा अध्यक्ष को एक समान प्रस्ताव सौंप चुके थे, जो दुर्लभ राजनीतिक सहमति को दर्शाता था। इसके अलावा, उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि दोनों सदनों से प्रस्ताव प्राप्त होता है, तो संयुक्त समिति गठित की जा सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर एक संक्षिप्त संदेश में उनके इस्तीफे की पुष्टि की और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस मुद्दे को लेकर राज्यसभा सचिवालय और सरकार के बीच तनाव की स्थिति बनी रही। इस तरह की परिस्थितियों को देखते हुए माना जा रहा है कि स्वास्थ्य कारणों से अधिक गहराई इस फैसले के पीछे हो सकती है।