
पुणे, महाराष्ट्र
गत शनिवार की रात्रि पुणे नगर के खराडी क्षेत्र स्थित एक निजी आवासीय परिसर में आयोजित की जा रही रेव पार्टी पर पुणे पुलिस की अपराध शाखा ने छापा मारा। इस कार्रवाई के दौरान चार पुरुषों तथा दो महिलाओं को हिरासत में लिया गया। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में महाराष्ट्र के वरिष्ठ राजनेता श्री एकनाथ खडसे के दामाद डॉ. प्रांजल खेवलकर का नाम प्रमुखता से सामने आया है।
प्राथमिक जांच से यह संकेत प्राप्त हुए हैं कि उक्त पार्टी में मादक पदार्थों—कोकीन तथा गांजा—का सेवन किया जा रहा था। इस घटना के प्रकाश में आने के पश्चात राज्य की राजनीति में एक बार पुनः गर्माहट उत्पन्न हो गई है।
प्रांजल खेवलकर कौन हैं?
डॉ. प्रांजल खेवलकर एक राजनीतिक दृष्टि से प्रभावशाली परिवार से संबद्ध हैं। वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की महिला प्रदेशाध्यक्ष रोहिणी खडसे के पति हैं। विदित हो कि श्रीमती खडसे ने अपने पूर्व पति से विधिवत् तलाक लेकर अपने बाल्यकाल के मित्र प्रांजल खेवलकर के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित किए। वर्तमान में यह परिवार मुक्ताईनगर में निवासरत है।
प्रांजल खेवलकर स्वयं राजनीति से दूरी बनाए रखते हुए विविध व्यवसायों में संलग्न हैं। वे मुख्य रूप से भूमि खरीद-फरोख्त, रियल एस्टेट विकास तथा इवेंट प्रबंधन से संबंधित व्यावसायिक गतिविधियों में सक्रिय हैं। इसके अतिरिक्त, उनकी ट्रैवल कंपनी और ऊर्जा क्षेत्र की कुछ औद्योगिक इकाइयों का संचालन भी बताया गया है। इसके विपरीत, उनकी पत्नी रोहिणी खडसे महाराष्ट्र की सक्रिय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
पूर्व विवाद: सोनाटा लिमोझिन प्रकरण
डॉ. खेवलकर इससे पूर्व भी एक विवादास्पद मुद्दे को लेकर चर्चा में रह चुके हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने उनकी एक आलिशान लिमोझिन कार की संदिग्ध पंजीकरण प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी।
उल्लेखनीय है कि जळगाव क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पंजीकृत इस वाहन (MH 19 AQ 7800) को ‘हल्के मोटर वाहन’ श्रेणी में दर्ज किया गया था, जबकि ऐसा वाहन विशिष्ट श्रेणी में आता है और उसके लिए विशेष अनुमति अपेक्षित होती है। दमानिया के अनुसार, देश में केवल अॅम्बेसिडर लिमोझिन को ही वैधता प्राप्त है, अन्य लिमोझिन गाड़ियों पर प्रतिबंध है। इस मुद्दे ने राज्य की राजनीति में व्यापक बहस को जन्म दिया था।
हडपसर स्थित निवास पर पुलिस छापामारी
रेव पार्टी प्रकरण में हिरासत में लेने के उपरांत पुलिस अधिकारियों ने डॉ. खेवलकर को चिकित्सकीय परीक्षण हेतु ससून शासकीय अस्पताल भेजा। चिकित्सकीय परीक्षण पश्चात उन्हें पुणे के हडपसर क्षेत्र स्थित उनके निवास स्थान लाया गया, जहाँ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में विधिवत् तलाशी अभियान चलाया गया। यह कार्रवाई रोहिणी खडसे के आवास पर की गई, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय क्षेत्र में भारी हलचल उत्पन्न हुई।
राजनीतिक दायरे में उठते प्रश्न
डॉ. प्रांजल खेवलकर से संबंधित यह संपूर्ण घटनाक्रम राज्य की राजनीति में नये विवाद का कारण बन सकता है। एक वरिष्ठ राजनेता के पारिवारिक सदस्य का इस प्रकार के आपराधिक प्रकरण में सम्मिलित पाया जाना निश्चित ही विपक्षी दलों के लिए प्रश्न उठाने का आधार बन सकता है।
फिलहाल खडसे परिवार की ओर से इस विषय पर कोई औपचारिक वक्तव्य अथवा प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है।