देहरादून/हरिद्वार:
पवित्र श्रावण मास के अवसर पर हरिद्वार स्थित मांसा देवी मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ी भारी भीड़ के बीच रविवार को अचानक अफरा-तफरी मच गई, जिससे भयंकर भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में कम से कम सात श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई है, जबकि 55 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह भगदड़ मंदिर तक पहुँचने वाले मार्ग की सीढ़ियों पर उस समय मची जब किसी ने विद्युत करंट फैलने की अफवाह फैलाई। इससे उपस्थित भीड़ में भय और घबराहट फैल गई, और लोग तेजी से इधर-उधर भागने लगे। इसी भागदौड़ में कई लोग कुचल गए और अनेक नीचे गिर पड़े।
गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने जानकारी दी कि मंदिर परिसर में अत्यधिक भीड़ एकत्रित हो चुकी थी, और सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध नहीं हो सके। घटना के तुरंत बाद, स्थानीय पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमों ने मोर्चा संभालते हुए राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ किया।
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने बताया कि पुलिस दल मौके पर तुरंत पहुँचा और घायलों को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा,
“लगभग 35 घायलों को अस्पताल पहुँचाया गया, जिनमें से छह लोगों की मृत्यु पहले ही पुष्टि हो चुकी थी। घटनास्थल पर घबराहट का माहौल विद्युत करंट की अफवाह से उत्पन्न हुआ प्रतीत होता है।”
बाद में मृतकों की संख्या बढ़कर सात हो गई।
श्रद्धालुओं की व्यथा
एक घायल श्रद्धालु, जो बिहार से हरिद्वार दर्शन के लिए आए थे, ने बताया कि अचानक भीड़ इस कदर बढ़ गई कि कोई पीछे हटने का भी मौका नहीं था। भगदड़ में वे ज़मीन पर गिर पड़े और उनका हाथ टूट गया।
श्रावण मास के दौरान हरिद्वार में श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुँच जाती है, विशेषकर शिवभक्त कांवड़िये इस पावन अवसर पर गंगाजल लेने यहाँ आते हैं। इस कारण माँसा देवी मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण बड़ी चुनौती बन जाती है।
शोक संवेदनाएँ और सरकारी सहायता
इस हृदयविदारक दुर्घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया,
“हरिद्वार के मांसा देवी मंदिर के मार्ग पर भगदड़ में हुई जनहानि से अत्यंत दुःख पहुँचा है। दिवंगतों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएँ। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। प्रशासन प्रभावितों की सहायता में जुटा है।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस घटना को अत्यंत पीड़ादायक बताते हुए मृतकों के परिवारों को सांत्वना दी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वे घटनास्थल की जानकारी प्रशासन से लगातार ले रहे हैं और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट में लिखा:
“मांसा देवी मंदिर मार्ग पर भगदड़ की खबर अत्यंत दुःखद है। SDRF, पुलिस और राहत टीमें मौके पर मौजूद हैं। मैं लगातार प्रशासन से संपर्क में हूँ और स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। माँ भगवती से सभी श्रद्धालुओं की कुशलता की प्रार्थना करता हूँ।”
राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख तथा घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है।