गाज़ा में इज़रायली ज़मीनी हमले से WHO की सेवाएं प्रभावित, स्टाफ और गोदाम पर हमला – संयुक्त राष्ट्र

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि गाज़ा के मध्य क्षेत्र में इज़रायली सेना के ज़मीनी हमले के कारण उसके मानवीय राहत कार्यों में गंभीर बाधा उत्पन्न हुई है। संगठन का कहना है कि सोमवार को दीर अल-बलाह शहर में स्थित एक इमारत, जहां उसके कर्मचारी और उनके परिवार शरण लिए हुए थे, उसे निशाना बनाया गया और वहां मौजूद लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया गया।

इसके साथ ही WHO का मुख्य भंडारण केंद्र (वेअरहाउस) भी हमले में नष्ट हो गया है।

संयुक्त राष्ट्र की इस स्वास्थ्य एजेंसी ने इज़रायली बलों पर सीधे तौर पर आरोप लगाए हैं, जबकि इज़रायली सेना की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।

दीर अल-बलाह में यह इज़रायल का पहला बड़ा ज़मीनी ऑपरेशन है, जो 21 महीने से चल रहे इज़रायल-हामास युद्ध के दौरान हुआ है। इस सैन्य कार्रवाई के चलते हजारों फिलिस्तीनी नागरिकों को अपना घर छोड़ना पड़ा है, और पूरे गाज़ा क्षेत्र में भुखमरी के संकट की गंभीर चेतावनी दी जा रही है।

गाज़ा में WHO के स्टाफ पर हमला, इज़रायली सेना पर गंभीर आरोप, संयुक्त राष्ट्र ने जताई गहरी चिंता

रविवार को इज़रायली सेना ने गाज़ा के दक्षिणी शहर दीर अल-बलाह के छह ब्लॉकों को तुरंत खाली करने का आदेश दिया, और चेतावनी दी कि वह “दुश्मन की क्षमताओं और आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने के लिए ज़बरदस्त बल” के साथ सैन्य कार्रवाई करेगी।

इस आदेश से प्रभावित क्षेत्रों में अनुमानित 50,000 से 80,000 लोगों को गाज़ा के दक्षिण में स्थित अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।

संयुक्त राष्ट्र ने जारी रखी मौजूदगी, दी सुरक्षा की अपील

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यालय (OCHA) ने कहा कि, आदेश के बावजूद, उनके स्टाफ दीर अल-बलाह में कई इमारतों में मौजूद रहेंगे, जिनके सटीक स्थानों की जानकारी पहले ही इज़रायली सेना को दी जा चुकी है। संयुक्त राष्ट्र ने यह भी स्पष्ट किया कि इन कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना इज़रायल की जिम्मेदारी है।

WHO ने लगाया गंभीर आरोप – “हमले में महिलाएं, बच्चे, कर्मचारी सभी डरे-सहमे”

सोमवार रात, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बयान जारी कर अपने स्टाफ की रिहायशी इमारत पर हुए हमलों की कड़ी निंदा की। बयान के मुताबिक, इस इमारत पर तीन बार हमला हुआ, जिससे वहां मौजूद कर्मचारी, महिलाएं और बच्चे गंभीर खतरे और मानसिक आघात का शिकार हुए। हमलों से आग लग गई और इमारत को भारी नुकसान पहुंचा।

WHO ने बताया कि इज़रायली सेना ने इमारत में घुसकर महिलाओं और बच्चों को पैदल ही अल-मवासी की ओर निकलने के लिए मजबूर किया, जबकि पुरुष कर्मचारियों और परिवार के सदस्यों को हथकड़ी पहनाकर, कपड़े उतरवाकर, मौके पर ही पूछताछ की गई और बंदूक की नोक पर तलाशी ली गई।

इस दौरान WHO के दो कर्मचारी और दो परिजन गिरफ्तार कर लिए गए। इनमें से तीन को बाद में रिहा कर दिया गया, लेकिन एक कर्मचारी अब भी हिरासत में है।

WHO की मांग – “कर्मचारी को तुरंत रिहा किया जाए”

WHO ने अपने बयान में गिरफ्तार कर्मचारी की तत्काल रिहाई और अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा की गारंटी की मांग की है। सभी कर्मचारियों और उनके परिवारों को अस्थायी रूप से WHO के दीर अल-बलाह स्थित कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया हैहै।

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